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30 जनवरी 2018, 

नई दिल्ली !! 

कासगंज हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है, फेसबुक पर इस हिंसा को लेकर अब इस राज्य के एक जिलाधिकारी के पोस्ट ने विवाद बढ़ा दिया है.

बरेली के जिलाधिकारी कैप्टन राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कासगंज घटना पर फेसबुक पर एक पोस्ट किया. रविवार की शाम 7:55 बजे 39 शब्दों के इस छोटे से पोस्ट के बाद विवाद खड़ा हो गया.

क्या लिखा था पोस्ट में ?

उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, "अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मुहल्लों में जबर्दस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ, मुकदमे लिखे गए..."

दिलचस्प यह है कि कैप्टन राघवेंद्र पूर्व सैन्य अफसर रहे हैं और इसी साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं. डीएम ने आर विक्रम सिंह नाम से बने फेसबुक पेज पर यह पोस्ट गणतंत्र दिवस के 2 दिन बाद कासगंज में फैले तनाव के बाद किया था.

दूसरी ओर, यूपी सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों को माहौल ठीक करने में अपनी ताकत लगानी चाहिए न कि उसे बिगाड़ने में. उनका काम व्यवस्था ठीक करना है.

बवाल होने के बाद सुधारी गलती !

दूसरी तरफ, उनके इस पोस्ट पर 3 घंटे तक लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी, जिसके बाद उन्होंने इस पोस्ट को एडिट कर दिया. हालांकि चर्चा बढ़ने के बाद उन्होंने इसे एडिट करते हुए उसकी जगह 26 जनवरी को ऐतिहासिकता से जुड़ा कंटेंट डाल दिया. हालांकि, इससे एडिट हिस्ट्री नहीं मिटी. हालांकि विवाद बढ़ता देख उन्होंने इसे अपना निजी विचार करार दिया.

विवाद के बीच उन्होंने 10 घंटे पहले एक और पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने लिखा, "कोई गलियों में तुम्हें खोज रहा है शायद, जाओ सो जाओ जमाना बड़ा जज्बाती हो गया है." उनके इस पोस्ट पर लगातार प्रतिक्रिया आ रही है.

2005 बैच के प्रमोटी IAS कैप्टन राघवेंद्र विक्रम सिंह ने सेना से रिटायर होने के बाद यूपी प्रादेशिक सिविल सेवा में तैनाती ली थी. इससे पहले वह श्रावस्ती के जिलाधिकारी रहे हैं और कुछ महीनों में रिटायर भी होने वाले हैं.

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