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30 जनवरी 2018,
सभी यूनिवर्सिटीज में अकसर सालभर के अंतराल पर दीक्षांत समारोह देखने को मिलता है लेकिन देश की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में ऐसा पिछले 46 सालों से नहीं हुआ है। हालांकि इस प्रचलन को फिर शुरू किया जा रहा है।
दिल्ली स्थित JNU में 46 साल के लंबे अंतराल के बाद दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन होने जा रहा है। इससे पहले यूनिवर्सिटी का पहला और आखिरी दीक्षांत समारोह साल 1972 में हुआ था। हालांकि उस समय के छात्रसंघ अध्यक्ष वीसी कोशी के कथित 'भड़काऊ भाषण' के चलते समारोह विवादों में आ गया था। इस समारोह में ऐक्टर बलराज साहनी को भी आमंत्रित किया गया था। उनका भाषण भी काफी चर्चा का विषय बन गया था।
PHD छात्रों को किया जाएगा सम्मानित !
JNU के रेक्टर-2 प्रो. सतीश चंद्र गरकोटी ने मिडिया को बताया कि आगामी दीक्षांत समारोह के दौरान PHD छात्रों को सम्मानित किया जाएगा। समारोह किस तारीख को होगा इसका फैसला अभी नहीं किया गया है। हालांकि माना जा रहा है कि इसका आयोजन फरवरी के आखिरी सप्ताह में हो सकता है। गरकोटी ने कहा, 'हम नहीं चाहते कि PHD के छात्र अपनी थीसिस जमा करें और चले जाएं। उन्हें उचित तरीके से विदाई मिलनी चाहिए।'
यूनिवर्सिटी ने अभी यह भी फैसला नहीं किया है कि समारोह में भाषण कौन देगा। गरकोटी ने कहा, 'आमतौर यूनिवर्सिटी के अतिथि भाषण देते हैं। हमारे अतिथि भारत के राष्ट्रपति होंगे। अगर वह उपलब्ध नहीं होंगे तब किसी अन्य वरिष्ठ शख्सियत के बारे में सोचा जाएगा।'
सुनीत चोपड़ा ने 1972 के समारोह को याद करते हुए कहा !
JNU में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के संस्थापक सदस्य सुनीत चोपड़ा ने 1972 के समारोह को याद करते हुए कहा, 'हमारी योजना प्रशासन पर दोहरा-हमला करने की थी। पहले हमने सोचा था कि किसी भी बाहरी सदस्य को समारोह में बोलने की अनुमति ना दें। बाद में बलराज साहनी का नाम सामने आया। उसी साल हमने कैंपस में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन कराया था और उनकी फिल्में दिखाई थीं। इसलिए साहनी के नाम पर सहमति बन गई थी।'
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